शिक्षक दिवस पर विशेष , शिक्षक दिवस पर निबंध | importance of Teachers day , More about teachers day in hindi

 

शिक्षक दिवस पर विशेष 

More about teachers day


Happy Teachers Day to all !!

मानव जीवन में जहाँ शिक्षा का महत्व है उतना ही एक शिक्षक का | शिक्षा के आभाव में व्यक्ति अर्थ को अनर्थ कर देता है , उसी अर्थ को सही मायने में अर्थ का असली मतबल बताने वाला एक शिक्षक ही होता है | एक शिक्षक साधारण से चंद्र गुप्त को चक्रबर्ती सम्राट चंद्र गुप्त बना देता है | हमारे देश की शिक्षक और शिष्य की परम्परा युगो योगो पुरानी है | कहते है हमारे जीवन में हमारी पहली शिक्षक हमारी माँ होती है , जो हमे इस संसार में लाती है , और फिर इस संसार में पहली साँस लेने के साथ ही माँ से हमे अलग अलग शिक्षा मिलना शुरू हो जाती है | एक शिक्षक इंसान के जीवन में उसका आधार शिला रखने वाला महान व्यक्तित्व होता है , क्युकी जीवन यापन करने का सही तरीका हमे शिक्षक ही सिखाते है |


शिक्षक किसी भी छात्र के जीवन में एक प्रेरणा का स्रोत होते हैं। एक शिक्षक अपना सम्पूर्ण जीवन अपने विद्यार्थियों को एक महानतम  बनाने में समर्पित कर देते  हैं। एक छात्र अपने जीवन में जो भी सफलता पाता है उसका सर्वप्रथम श्रेय उसके अध्यापकों को जाता है। एक शिक्षक ही शिक्षा और हर किसी वस्तु का मूल्य, नैतिकता और सदाचार  सिखाते हैं। शिक्षकों की मेहनत और लगन के कारण ही व्यक्ति के मानसिक रूप से विकसित और सुन्दर समाज का निर्माण  होता है।


प्रत्येक बर्ष  5 सितंबर को हम भारतीय शिक्षक दिवस मनाते  है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए देश भर में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्ण सर्वपल्ली एक दार्शनिक और बेहतर शिक्षक थे , उन्हें अध्यापन से गहरा लगाव था , उनके अंदर एक सम्पूर्ण शिक्षक होने के गुण मौजूद थे | इस दिन समस्त देश में भारत सरकार द्वारा श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है।

आज का दिन शिक्षकों प्रति सम्मान और आदर भाव प्रकट करने का होता है , वैसे तो हमे हमेशा ही अपने गुरु और शिक्षकों को आदर और सम्मान करना चाहिए |


कौन थे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ?

माननीय डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। वो एक आदर्श शिक्षक, महान दार्शनिक और हिंदू विचार धारा के व्यक्ति  थे। उनके श्रेष्ठ गुणों के कारण भारत सरकार ने सन 1954 में उन्हें  देश के सर्व्वोच सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया। वो यह पुरस्कार पाने वाले देश के पहले व्यक्ति थे। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 5 सितंबर को हुआ था , जिसे आज के समय में  पूरे देश में “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाया जाता है।


मानद उपाधियाँ 

अमेरिका और यूरोप प्रवास से लौटने पर देश के अनेक प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों ने आपको मानद उपाधि देकर उनकी विद्वता का सम्मान किया –


सन् 1931 से 36 तक आन्ध्र विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रहे।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में 1936 से 1952 तक प्राध्यापक रहे।

कलकत्ता विश्वविद्यालय के अन्तर्गत आने वाले जॉर्ज पंचम कॉलेज के प्रोफेसर के रूप में 1937 से 1941 तक कार्य किया।

सन् 1939 से 48 तक काशी हिंदू  विश्वविद्यालय के चांसलर रहे।

1946 में यूनेस्को में भारतीय प्रतिनिधि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

1953 से 1962 तक  दिल्ली विश्वविद्यालय के चांसलर रहे।


क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस ?

शिक्षा के क्षेत्र में पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का अभिन्न योगदान को देखते हुए एवं उनके एक शिक्षक के रुप में उनकी सेवाओं को याद करने के लिए , एवं समस्त गुरुओ और शिक्षकों को सम्मान प्रदान करेने के कारण पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है 

एक बार कुछ छात्रों ने  भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी , इस पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना जन्मदिन अलग से मनाने के बजाय, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे सौभाग्य की बात होगी. उसके बाद 1962 से भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा |


हमें अपने समस्त  जीवन में शिक्षकों/गुरुओ  के मूल्यों और शिक्षाओं को समझना और महसूस करना चाहिए और दिल से सम्मान के साथ शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष मानना चाहिए। शिक्षक हमारे माता-पिता से भी बढ़ कर हैं जो हमें हमेशा सफलता की राह दिखाते हैं, शिक्षक ही एक ऐसा व्यक्ति होता है जो आपको हमेश आगे बढ़ते हुए देखना चाहता है , साथ ही साथ खुद को एक सफल शिक्षक होने का गर्व महसूस करता है | एक अच्छे शिष्य के आचरण और उसकी कुशलता ही उसके गुरु का परिचय करता है |

एक शिक्षक तभी अपने आप को महान समझता है , जब उसका शिष्य उचाईयो को छूता है और लगातार आगे बढ़ते रहने का प्रयत्नरत रहता है | एक शिक्षक के लिए सबसे सम्मान की बात ये होती है  की उनका शिष्य उनके बताये हुए सभी सुविचारों और शिक्षाओं को अमल में लाता है और उन पर चल कर देश दुनिया में अपना और अपने माता पिता के साथ उसके शिक्षक का नाम की कीर्ति बढ़ता है |

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाये !!




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